‘7 दिन पहले किया था अलर्ट, केरल सरकार ने नहीं सुनी’- अमित शाह

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केरल के वायरनाड में हुए भूस्खलन में अब तक 158 लोग जान गंवा चुके हैं और कई लोग लापता हैं. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अभी इस इलाके में भीषण बारिश होगी, जिसकी वजह से और लोग प्रभावित होंगे. जिस जगह हादसा हुआ है, वहां दल-दल जैसे हालात बन गए हैं. रेस्क्यू टीम को जमीन में दबी लाशों को बाहर निकालने में मुश्किलें आ रही हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा है कि हमने इसे लेकर राज्य सरकार को अलर्ट किया था लेकिन किसी ने सुना नहीं.

केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन, त्रासदी बनकर आया है. हादसे में 158 लोग जान गंवा चुके हैं और 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने केरल हादसे पर लोकसभा में हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने अपने परिवारों को गंवाया है, उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं. अमित शाह ने कहा कि मुझे लगा था कि इस पर राजनीतिक टिप्पणियां नहीं होंगी, इसलिए मैं सदन में सरकार का पक्ष रखना चाहता हूं. दोषारोपण केवल जानकारी के अभाव में हुआ है. लोकसभा की कार्यवाही पूरा देश देखता है, ऐसे में हम अपना पक्ष रख रहे हैं.

अमित शाह ने कहा कि केरल सरकार को 7 दिन पहले अलर्ट किया था कि यहां भीषण बारिश होने वाली है, जिसमें वायनाड में बड़ा हादसा हो सकता है. यहां लैंडस्लाइड की आशंका है और कई लोग मारे जा सकते हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि आप लोग केवल सिस्टम पर सवाल खड़े करते हैं लेकिन सिस्टम की सुनते नहीं हैं. विपक्ष ने केरल हादसे पर केंद्र सरकार को जमकर कोसा और कहा कि अगर सरकार के पास अगर कोई अर्ली वार्निंग सिस्टम होता तो ऐसा हादसा नहीं होता. इसके जवाब में अमित शाह ने विपक्षी नेताओं को खरी-खरी सुनाई. 

‘7 दिन पहले किया था अलर्ट, केरल सरकार ने नहीं सुनी’

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘केरल हादसे पर लोग अर्ली वॉर्निंग-अर्ली वॉर्निंग चिल्ला रहे हैं, उन्हें बताना चाहता हूं कि 23 जुलाई को ही भारत सरकार ने केरल सरकार को अर्ली वार्निंग दी थी. 7 दिन पहले. 24 और 25 को भी गई. 26 को यह कहा गया है कि भारी बारिश होगी. लैंड स्लाइड की आशंका है. मलबा भी बाहर आ सकता है. लोग इसके अंदर दब कर मर भी सकते हैं. मैं कुछ कहना नहीं चाहता था लेकिन भारत सरकार की वॉर्निंग सिस्टम पर सवाल खड़े किए गए. हमें कृपया सुनिए, कृपया सुनिए ये न कहिए, जो वार्निंग दिया है उसे पढ़िए जरा. देश की कई राज्य सरकारें ऐसी हैं, जिन्होंने अर्ली वार्निंग का इस्तेमाल करके, ऐसे हादसों में कोई बड़ा नुकसान होने से बचा लिया है. वहां जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.’

‘जो रहते हैं अलर्ट, वहां नहीं होते हादसे’

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘ओडिशा राज्य सरकार के लिए हमने 7 दिन पहले तूफान का अलर्ट भेजा, सिर्फ एक इंसान मारा गया. तब वहां नवीन बाबू की सरकार थी, हमारी सरकार नहं थी. वह भी गलती से मारा गया. गुजरात सरकार को हमने तूफान अलर्ट 3 दिन पहले भेजा, एक पशु भी नहीं मरा.’

‘कुछ लोग विदेशी साइट चेक करते हैं, देश को नहीं देखते’

 आप जो घिसे-पिटे शब्द का इस्तेमाल मत कीजिए. भारत सरकार ने साल 2014 के बाद से अर्ली वार्निंग सिस्टम पर 2000 करोड़ रुपये खर्च किया है. 7 दिन पहले हर राज्य को सूचना भेजी जाती है. साइट पर वह सूचना उपलब्ध है. कुछ लोग, यहां की वेबसाइट नहीं खोलते हैं, विदेश की खोलते हैं. विदेश की वार्निंग तो आएगी नहीं, हमारी देखनी पड़ेगी.’

अमित शाह ने बता दिया कितना मजबूत है अर्ली वार्निंग सिस्टम

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘वर्षा, पर सभी राज्य पहले अलर्ट हो जाएं. बारिश के लिए, तूफान के लिए, हीटवेव के लिए और चक्रवात के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम है. यहां तक कि बिजली के लिए भी अर्ली वार्निंग सिस्टम है. जो 10 मिनट पहले बिजली कहां गिरेगी, सीधे 10 मिनट पहले कलेक्टर को सूचित करती है कि कहां गिरेगी.’

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