हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक ट्वीट कर सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी और उनके पति की अडाणी मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम में कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. इस हिस्सेदारी के चलते सेबी ने अडाणी समूह पर पूर्व में उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरतापूर्वक जांच नहीं की.
Hindenburg News: हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट पर विपक्ष किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने अब इस रिपोर्ट को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में मंगलवार को हुई अहम बैठक में 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन करने का प्रस्ताव पारित किया गया. विरोध प्रदर्शन के जरिए सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग की जाएगी.
हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख पर लगाए गंभीर आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक ट्वीट कर सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी और उनके पति की अडाणी मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम में कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि इस हिस्सेदारी के चलते सेबी ने अडाणी समूह पर पूर्व में उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरतापूर्वक जांच नहीं की.
जेपीसी की मांग
इस विरोध प्रदर्शन के तहत कांग्रेस सभी राज्यों में स्थित ईडी के दफ्तरों के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस पार्टी ने नियामक सेबी द्वारा अडाणी समूह की जांच में हितों के संभावित टकराव को संबोधित करने के लिए तत्काल सरकारी कार्रवाई की भी मांग की है और वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े इस पूरे घोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का आह्वान किया है.
सेबी प्रमुख ने किया आरोपों का खंडन
हिंडनबर्ग का आरोप है कि सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की ऐसी कंपनियों में हिस्सेदारी थी जिनका अदाणी समूह से संबंध था और जिनके जरिए बाजार में धोखाधड़ी की गई. हालांकि माधवी बुच और उनके पति ने इन आरोपों से इंकार किया है लेकिन मांग उठ रही है कि इन आरोपों की गंभीरता से जांच हो.
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