शेख हसीना के भारत में रहने की कम हुई संभावना, क्या वापस अपने मुल्क जाएंगी? 

Estimated read time 1 min read

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें फिलहाल कम नहीं हो रही हैं. अंतरिम सरकार ने कड़ा फैसले लेते हुए उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. अंतरिम सरकार के इस फैसले से भारत के सामने गंभीर कूटनीतिक स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि बांग्लादेश का राजनयिक पासपोर्ट रखने वाले लोग 45 दिन तक बगैर वीजा के भारत रह सकते हैं.

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद लगभग तीन हफ्तों से भारत में हैं. इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ऐसा फैसला किया है जिससे भारत के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. बांग्लादेश की सरकार ने बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों का राजनिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. 

देश के गृह मंत्रालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग ने घोषणा की कि शेख हसीना, उनके सलाहकारों, पूर्व कैबिनेट सदस्यों और हाल ही में भंग की गई 12वीं जातीय संसद के सभी सदस्यों और उनके जीवनसाथियों का राजनयिक पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है. आंतरिक सरकार के इस फैसले के कारण भारत के सामने बड़ी कूटनीतिक समस्या खड़ी हो गई है. 

भारत में रहने की कम हुई संभावना

रिपोर्ट के अनुसार,  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने से उनके भारत में रहने की संभावना कम हो गई है.  अंतरिम सरकार ने यह कदम अगस्त में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा संसद को भंग करने के बाद उठाया है. इन पासपोर्टों को रद्द करने का प्रावधान उन राजनयिक अधिकारियों पर भी लागू होगा जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है. नए राजनयिक पासपोर्ट दो जांच एजेंसियों की परमिशन के बाद ही जारी किए जाने की संभावना है.

क्या हसीना का होगा प्रत्यर्पण? 

द डेली स्टार समाचार पत्र ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि शेख हसीना के पास अब रद्द कर दिए गए राजनयिक पासपोर्ट के अलावा कोई अन्य पासपोर्ट नहीं है. भारतीय वीजा नीति के तहत, राजनयिक या आधिकारिक पासपोर्ट रखने वाले बांग्लादेशी नागरिक वीजा-मुक्त प्रवेश के लिए पात्र हैं और देश में 45 दिनों तक रह सकते हैं. शनिवार तक हसीना ने भारत में 20 दिन बिता लिए हैं और उनके कानूनी प्रवास की समयसीमा समाप्त होने वाली है. शेख हसीना के राजनयिक पासपोर्ट और उससे संबंधित वीजा विशेषाधिकारों को रद्द करने से उन्हें बांग्लादेश प्रत्यर्पित किये जाने का खतरा हो सकता है. बांग्लादेश में उनके खिलाप 51 मामले दर्ज हैं जिनमें 42 अकेले हत्या से संबंधित हैं. 

क्या इंकार कर सकता है भारत? 

रिपोर्ट के अनुसार, हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश और भारत के बीच 2013 की प्रत्यर्पण संधि के कानूनी ढांचे के अंतर्गत आएगा. इसे साल 2016 में संशोधित किया गया था. संधि में आरोप राजनीतिक प्रकृति के होने पर प्रत्यर्पण से इंकार करने की अनुमति दी गई है. हालांकि इसमें हत्या जैसे अपराधों में प्रत्यर्पण का प्रावधान है, यह राजनीति से बाहर हैं.  सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यर्पण से इंकार करने का एक आधार यह है कि लगाए गए आरोप सद्भावना और न्याय के हित में न हों. हालांकि डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द किए जाने से भारत के सामने गंभीर कूटनीतिक समस्या पैदा हो गई है.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours