Congress Demands JPC: अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म की रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर चौतरफा हमलावर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चीफ की अडानी समूह के ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी. कांग्रेस ने इसकी जांच के लिए संसदीय जांच समिति की मांग की है.
Congress Demands JPC: कांग्रेस ने रविवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की मांग की है. सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सेबी ने पहले जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद पीएम मोदी के करीबी सहयोगी अडानी को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष क्लीन चिट दे दी थी. हालांकि, सेबी प्रमुख से जुड़े एक लेन-देन के बारे में नए आरोप सामने आए हैं.
खड़गे ने कहा कि मध्यम वर्ग के छोटे और मध्यम निवेशक जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में लगाते हैं उन्हें आज सुरक्षा की जरूरत है, क्योंकि वे सेबी पर भरोसा करते हैं. इस बड़े घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच जरूरी है.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि तब तक यह चिंता बनी रहेगी कि प्रधानमंत्री मोदी अपने सहयोगी को बचाते रहेंगे और सात दशकों में कड़ी मेहनत से बनाई गई भारत की संवैधानिक संस्थाओं के साथ समझौता करते रहेंगे.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोप
अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट के बाद विपक्ष चौतरफा हमलावर है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी पर अपनी रिपोर्ट के 18 महीने बाद भी सेबी ने ठीक तरह से जांच नहीं की है.
अडानी समूह का आया जवाब
सेबी प्रमुख और उनके पति ने रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. अडानी समूह ने भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. समूह ने कहा कि आरोप दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाले हैं. समूह ने फर्म पर व्यक्तिगत लाभ कमाने के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने का आरोप लगाया.