भारतीय जनता पार्टी यानी BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इस सवाल का जवाब फिलहाल सामने नहीं आया है. हालांकि, जवाब को लेकर कई अटकलें हैं. दलित, ओबीसी से लेकर अब संभावना महिला नेता तक जा पहुंची है. कहा जा रहा है कि इस बार भाजपा पहली बार किसी महिला नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है. आइए, जानते हैं कि इसके पीछे आखिर तर्क क्या हो सकता है.
भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर RSS-BJP नेताओं के बीच करीब 5 घंटे तक चर्चा हुई है. भाजपा के सीनियर नेता राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक में भाजपा अध्यक्ष पद के उत्तराधिकार की योजना पर चर्चा की गई. विचार-विमर्श में जमीनी स्तर की राजनीति से जुड़े संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा हुई. साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों और महिला आरक्षण के क्रियान्वयन के मद्देनजर महिला या ओबीसी नेता पर भी विचार किया गया.
हालांकि रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई पांच घंटे की बैठक की कोई डिटेल सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि इस बात पर गहन चर्चा हुई कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अगला कार्यकारी अध्यक्ष या पूर्णकालिक अध्यक्ष कौन होना चाहिए?
बैठक में राजनाथ सिंह के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष शामिल रहे. इनके अलावा, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबोले और संयुक्त महासचिव अरुण कुमार भी बैठक में मौजूद रहे.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को लेकर भी हुई चर्चा
सूत्रों ने कहा कि सीनियर भाजपा और आरएसएस पदाधिकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. एक ऐसा मुद्दा जिस पर भाजपा और आरएसएस ने चिंता व्यक्त की है और पीएम मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी अपील की है.
सूत्रों ने कहा कि अगले पार्टी अध्यक्ष के नामांकन के लिए आरएसएस की सहमति महत्वपूर्ण होगी, जिसके लिए प्रक्रिया अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, क्योंकि नड्डा मोदी कैबिनेट में स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालयों का प्रभार भी संभाल रहे हैं. चूंकि बड़ी संख्या में ऐसे पदाधिकारी, जो लंबे समय तक पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं, को केंद्र सरकार में शामिल किया गया है. इसलिए पार्टी और आरएसएस के निर्णयकर्ता अगले भाजपा प्रमुख के लिए जमीनी राजनीति की पृष्ठभूमि वाले किसी व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं.
ऐसी भी अटकलें हैं कि अगला पार्टी अध्यक्ष कोई महिला या ओबीसी हो सकता है. भाजपा में कभी कोई महिला अध्यक्ष नहीं रही है और 2029 में लोकसभा चुनावों से पहले संसद और राज्य विधानसभाओं में महिला कोटा लागू होने की संभावना के मद्देनजर किसी महिला को अध्यक्ष पद सौंपना एक आदर्श कदम माना जा रहा है.
फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए फडणवीस का नाम सबसे आगे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए महाराष्ट्र भाजपा के सीनियर नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे है. फिलहाल, फडणवीस राज्य के डिप्टी सीएम हैं. कहा जा रहा है कि भआजपा और आरएसएस देवेंद्र फडणवीस के नाम पर आगे बढ़ने से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर रही है. हालांकि, न तो भाजपा और न ही आरएसएस की ओर से देवेंद्र फडणवीस के नाम को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आखिर होता कैसे है?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी का निर्वाचक मंडल करता है. इसमें राष्ट्रीय और प्रदेश परिषद के मेंबर्स होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कम से कम 20 सदस्य नाम का प्रस्ताव देते हैं. किसी एक नाम पर कम से कम 5 राज्यों के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों की आम सहमति होनी चाहिए. अगर किसी एक नाम पर सहमति मिल जाती है, तो उसे राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाता है. खास बात ये कि जिस नेता का नाम प्रस्तावि किया जाता है, उसकी सदस्यता कम से कम 15 साल पुरानी हो.
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