अखिलेश यादव ने कहा है कि अब भारतीय जनता पार्टी से लोग नाउम्मीद हो चुके हैं. इनके बुरी तरह हारने की एक वजह यही है. जब जनता किसी पार्टी से नाउम्मीद हो जाती है तो उसका हारना तय है. उन्होंने हाथरस, लखनऊ और वाराणसी की घटनाओं का जिक्र करके योगी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि यह सरकार अलोकतांत्रिक रवैया अपनाती है.
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अयोध्या गैंगरेप केस को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निशाने पर है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि अयोध्या गैंगरेप केस का मुख्य आरोपी और अपने नेता मोईद खान को समाजवादी पार्टी बचा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्य तक, यह इशारा कर चुके हैं कि मोईद खान मुसलमान है, इसलिए अखिलेश यादव उसे बचा रहे हैं. अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने खुद सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बदनाम करना चाह रही है. मुस्लिमों को लेकर बीजेपी की सोच अलोकतांत्रिक है.
अखिलेश यादव ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले साजिश शुरू करना चाहती है. उनका लक्ष्य पहले दिन से है कि समाजवादियों को बदनाम करना है. खासकर मुस्लिमों को लेकर उनकी सोच अलोकतांत्रिक और अंसवैधानिक है. यह सोच एक योगी की है. अगर कोई योगी, लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखता है तो वह योगी नहीं हो सकता है.’
हाथरस को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं आपको 3 घटनाओं का उदाहरण देना चाहता हूं. उन्होंने हाथरस, लखनऊ और वाराणसी की एक घटना का जिक्र करते हुए बीजेपी को घेरा. अखिलेश यादव ने कहा, ‘पहली घटना हाथरस की है जिसमें बीजेपी विधायकों और नेताओं ने एक साधु के कार्यक्रम की अनुमति के लिए लिखा था. लेकिन प्रशासन ने ठीक से व्यवस्था नहीं की और नतीजतन बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई. प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया था. लोगों को नुकसान हुआ. किसी के हाथ टूटे किसी के पैर. सरकार ने कोई मदद नहीं की.’
‘गोमती नगर कांड में यादव है इसलिए फंसा दिया’
अखिलेश यादव ने गोमती नगर का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा है, ‘दूसरी बात, आपने गोमती नगर में देखा होगा, पुलिस ने पूरी लिस्ट दी थी लेकिन सीएम और बीजेपी की सरकार चाहती है कि पुलिस बीजेपी की कार्यकर्ता बन जाए. जब पुलिस ने सभी नामों की लिस्ट दी तो सीएम ने सिर्फ यादवों और मुसलमानों का नाम क्यों लिया? जिस यादव का नाम लिया गया, सुनने में आ रहा है कि वो कैमरे की फुटेज में नहीं था. वह चाय पीने गया था, पुलिस को यादव मिला इसलिए जेल भेज दिया.’
कार्यकर्ता बन गई है पुलिस
अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मी जो कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बीजेपी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं, अगर सरकार बनी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
अयोध्या पर क्या बोल गए हैं अखिलेश?
अखिलेश यादव ने कहा, ‘तीसरा उदाहरण अयोध्या का है. ये इनका संशोधित कानून 2023 है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी को 7 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है तो डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए, तो इस मांग में गलत क्या है और उनके परिवार वाले भी कह रहे हैं और पुलिस सच्चाई जानती है. चाहे वो कितना भी कुछ कर लें, जनता को उनसे कोई उम्मीद नहीं है.’
वाराणसी पर भी फूटा अखिलेश का गुस्सा
अखिलेश यादव ने अयोध्या हादसे का ही जिक्र करते हुए कहा, ‘उनके परिवार के लोग कह रहे हैं, वहां की पुलिस सच्चाई जानती है लेकिन वे बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. हमें नौकरी बचानी है. वाराणसी में एक जगह अधिकारी प्रेशर में आ गया, वह इतना परेशान हुआ कि उसने व्यापारी के मुंह पर सिर मार दिया. ऐसा नेता से कोई उम्मीद नहीं है. वे इससे भी बुरी तरह हारेंगे.’
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