उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद बिल पास कर दिया गया है। नए कानून के तहत अपनी पहचान छुपाकर शादी करने और धर्मांतरण पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। कोई भी ऐसा शख्स जो अपनी धार्मिक पहचान छुपाकर शादी करेगा और अपने पार्टनर को धर्म परिवर्तन पर मजबूर करेगा उसे इस नए कानून के तहत उम्रकैद की सजा हो सकती है। अभी तक ऐसे मामलों में अधिकतम 10 वर्ष तक की सजा तथा 50 हजार रुपये तक जुर्माना निर्धारित था। धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग में अब सात से 14 वर्ष तक की सजा तथा कम से कम 10 लाख रुपये तक जुर्माना होगा।विस में मानसून सत्र के पहले दिन उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया गया था जिसे आज पास कर दिया गया ।
नए कानून के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति धर्मांतरण कराने की नीयत से किसी व्यक्ति को धमकाता है, हमला करता है, विवाह का वादा करता है या षड्यंत्र करता है, प्रलोभन देकर नाबालिग, महिला या व्यक्ति की तस्करी करता है, तो आरोपित को उम्रकैद तक की सजा व जुर्माने से दंडित किया जाएगा। कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी। अब कोई भी व्यक्ति मतांतरण का केस दर्ज करा सकेगा। पहले पीड़ित, उसके स्वजन या करीबी रिश्तेदार ही एफआइआर दर्ज करा सकते थे।
नए बिल में क्या हैं महत्वपूर्ण प्रावधान: जानिए विस्तार से
कड़ी सजा का प्रावधान: नए कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
एफआईआर की सुविधा: अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में सीधे एफआईआर दर्ज करा सकता है।
सूचना या शिकायत की आवश्यकता: पहले मामलों की सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी आवश्यक थी, जिसे अब हटा दिया गया है।
सुनवाई की अदालत: लव जिहाद से संबंधित मामलों की सुनवाई अब केवल सत्र न्यायालय करेगा, और किसी भी निचली अदालत को इस पर विचार करने की अनुमति नहीं होगी।
जमानत की प्रक्रिया: लव जिहाद के मामलों में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती लाई गई है।
गैर-जमानती अपराध: इस नए कानून के तहत सभी अपराधों को गैर-जमानती घोषित कर दिया गया है, जिससे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
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