Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना इस समय भारत में हैं. 5 अप्रैल को इस्तीफा देने के बाद भारत आईं हसीना अभी भी शरण के लिए प्रयासरत हैं. अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों ने उन्हें शरण देने पर लगभग न कह दिया है. वह विकल्पों की तलाश कर रही हैं. वहीं, बांग्लादेश छोड़ने के बाद उनका पहला बयान सामने भी आ गया है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप को छोड़ दिया होता तो आज वह सत्ता में बनी रहतीं.
Sheikh Hasina: 5 अगस्त 2024 का दिन बांग्लादेश के इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. इस दिन को याद किया जाएगा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों की भीड़ पीएम आवास को निशाना बनाने आ रही थी तब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा. भारत आने के बाद शेख हसीना ने ब्रिटेन और अमेरिका में शरण लेने के लिए बात की. लेकिन दोनों देशों ने असहमति जताई. 11 अगस्त 2024 को ये खबर लिखी जा रही है. अभी तक हसीना भारत में ही हैं. इकोनॉमिक टाइम्स को शेख हसीना का एक बयान मिला है. बयान में उन्होंने अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उन्हें उनके देश से निकालने में अमेरिका की भूमिका है.
शेख हसीना के आरोपों पर अभी अमेरिका ने जवाब नहीं दिया है. हसीना ने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह भी बताई है. प्रदर्शनकारियों के हिंसात्मक रवैये ने उन्हें सत्ता से बेदखल करने में अहम भूमिका निभाई.
“मुझे नहीं देखना था शवों का जुलूस, इसलिए दिया इस्तीफा”
शेख हसीना ने कहा- “मैंने इस्तीफा दे दिया ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े. वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया, मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.”
सत्ता से बेदखरल होने की पीछे की वजह उन्होंने खुलकर बातई है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने अमेरिका से समझौता कर लिया होता तो आज वह सत्ता में बनीं रहतीं.
“सेंट मार्टिन द्वीप को छोड़ दिया होता तो सत्ता में बनी रहती”
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार उन्होंने बताया- “मैं सत्ता में बनी रह सकती थी अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभुत्व कायम करने दिया होता. मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं, ‘कृपया कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं.”
सेंट मार्टिन द्वीप, मात्र 3 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला एक छोटा सा भूभाग, बंगाल की खाड़ी के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में, कॉक्स बाजार-टेकनाफ प्रायद्वीप के सिरे से लगभग 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. यह द्वीप बांग्लादेश का सबसे दक्षिणी बिंदु है. अपने संदेश में हसीना ने बांग्लादेशी नागरिकों से कट्टरपंथी तत्वों द्वारा किए जा रहे छल-कपट का विरोध करने का आग्रह किया है.
देश के लिए मैं आउंगी- हसीना
हसीना ने अवामी लीग के नेताओं की हत्या, कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और बर्बरता की घटनाओं पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा- “यह समाचार अत्यंत कष्टदाई है. कई नेताओं की हत्या कर दी गई है, कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है. उनके घरों में आगजनी की गई. अल्लाह की कृपा से, मैं जल्द ही वापस आऊंगी. अवामी लीग ने बार-बार उठकर आवाज उठाई है. मैं हमेशा बांग्लादेश के भविष्य के लिए प्रार्थना करूंगी, वह राष्ट्र जिसके लिए मेरे महान पिता ने प्रयास किया. वह देश जिसके लिए मेरे पिता और परिवार ने अपना जीवन दिया.”
हसीना को पाकिस्तान की इंटेलीजेंस पर भी है संदेह
शेख हसीना ने पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एंजेसी ISI पर भी आरोप लगाया. उनको संदेह है कि इसमें पाकिस्तान भी शामिल हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे आईएसआई पर संदेह है. क्योंकि विरोध प्रदर्शन जारी रखने का कोई कारण नहीं था क्योंकि कोटा हमारी सरकार द्वारा अनिवार्य नहीं था और अदालत के फैसले से बहाल किया गया था. हमारी सरकार ने तो 2018 में ही कोटा सिस्टम हटा दिया था.”