प्रधानमंत्री पद के लिए देश की पसंद कौन? एक सर्वे में पहले बार पीएम मोदी की रेटिंग 50 फीसदी से नीचे आई है, जबकि दूसरे नंबर पर राहुल गांधी आ गए हैं. सर्वे के मुताबिक, नरेंद्र मोदी के बाद प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में राहुल गांधी सबसे आगे हैं. सर्वे में ये भी सामने आया है कि भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.

लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जून को आए थे, जिसके बाद एनडीए ने पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाई थी. अब एक सर्वे में देश के मूड के बारे में दिलचस्प संकेत सामने आए हैं. सर्वे में सामने आया है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता घट रही है औऱ उनकी रेटिंग पहली बार 50 फीसदी से नीचे आई है. सर्वे में ये भी सामने आया है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद की रेस में मोदी के बाद दूसरे नंबर पर हैं. 

इंडिया टुडे की ओर से पब्लिश लेटेस्ट मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे में ये बातें कही गईं हैं. CATI या कंप्यूटर सहायता प्राप्त टेलीफोन सर्वेक्षण में 1 लाख 36 हजार 463 उत्तरदाताओं में से 40 हजार 591 उत्तरदाताओं का साक्षात्कार सी-वोटर की ओर से 15 जुलाई से 10 अगस्त, 2024 के बीच किया गया. 95 हजार 872 उत्तरदाताओं का साक्षात्कार पिछले 24 सप्ताहों में किया गया. 

देश के अगले प्रधानमंत्री के सबसे उपयुक्त कौन?

भारत के अगले प्रधानमंत्री के लिए सबसे उपयुक्त कौन है? इस सवाल पर नरेंद्र मोदी की रेटिंग पहली बार 50% से नीचे गिरकर 49% पर आ गई है. राहुल गांधी की रेटिंग पिछले सर्वे से बढ़कर 22% हो गई है और वे मौजूदा मोदी के सबसे करीब पहुंच गए. पिछली बार जब सर्वे किया गया था, तब मोदी को ‘एक्सिलेंट’ मानने वालों में 7.3% की गिरावट आई थी.

क्या आपको लगता है कि भाजपा सरकार ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग अन्य सरकारों की तुलना में अधिक करती है? इस सवाल के जवाब में 46% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इससे सहमत हैं और 38% ने कहा कि सभी सरकारें ऐसा करती हैं. सरकार की ओर से एजेंसियों के दुरुपयोग के बारे में आश्वस्त लोगों का प्रतिशत पिछले साल के 43% से बढ़कर इस बार 46% हो गया.

पॉलिटिकल साइंटिस्ट और एक्टिवस्ट योगेंद्र यादव ने इस सर्वेक्षण को ‘देश के चुनाव-बाद मूड की एक मूल्यवान झलक’ करार दिया. योगेंद्र यादव कहते हैं कि अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. महंगाई दर भले ही कम हो गई हो, लेकिन लोग घर के खर्च नहीं चला पा रहे हैं. बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता है. लोग रोजगार के सरकारी दावों पर यकीन नहीं करते. देश में बेरोजगारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है और ये सत्ता में बैठी सरकार की सबसे बड़ी विफलता है.

51 फीसदी लोगों ने माना- एलओपी के तौर पर राहुल का प्रदर्शन शानदार

विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी का कद बढ़ा है. सर्वे में शामिल 51% लोगों ने एलओपी के तौर पर उनके प्रदर्शन को या तो शानदार या अच्छा माना है. करीब एक-चौथाई (24%) लोगों ने उनके प्रदर्शन को शानदार बताया.  संसद के बजट सत्र में गांधी हमलावर मुद्रा में दिखे और भाजपा समेत उसके शीर्ष नेता बैकफुट पर रहे. इस सर्वे के अनुसार गांधी को हिंदू विरोधी और अन्य नामों से चित्रित करने का अभियान उल्टा पड़ता दिख रहा है.

अन्य विपक्षी नेताओं की तुलना में उनके प्रति लोगों में खासी पसंदगी है और वे सभी विपक्षी नेताओं के बीच नेता के रूप में उभर रहे हैं. उनकी रेटिंग 32% हो गई है, जो छह महीने पहले 21% थी. अखिलेश यादव 8% के साथ दूसरे स्थान पर हैं, हालांकि उनकी रेटिंग में भी फरवरी में 4% से उछाल आया है.

एनडीए में पीएम पोस्ट के लिए मोदी के बाद अमित शाह

मोदी के बाद भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी को सबसे आगे माना जा रहा है, 29% लोगों ने इस पर सहमति जताई है. वहीं, एनडीए में नरेंद्र मोदी के बाद पीएम पद के लिए 20 फीसदी रेटिंग के साथ अमित शाह दूसरे नंबर पर हैं. इनके ठीक बाद 19 फीसदी रेटिंग के साथ आदित्यनाथ तीसरे नंबर पर हैं

जहां तक जाति जनगणना का सवाल है, इस विचार को मंजूरी देने वालों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. सर्वेक्षण में शामिल तीन-चौथाई यानी 74% लोगों ने इसे मंजूरी दी है, जबकि फरवरी 2024 में यह आंकड़ा 59% था.

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