पंजाब में यूपी-बिहार वालों के लिए जारी हुआ फरमान, बरपा हंगामा 

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पंजाब के एक गांव में अजीब फरमान जारी हुआ है. इस गांव में प्रवासियों का रात 9 बजे के बाद घर से बाहर निकलना बैन है. गांव ने फरमान दिया है कि सड़कों पर प्रवासी अर्धनग्न न नजर आएं और वेरिफिकेशन कराएंगे. इस गांव ने अजीब-अजीब से फरमान जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि अगर कोई प्रवासी गलती करता है तो उसके मकानमालिक पर एक्शन होगा. पढ़ें क्यों इस फैसले पर हंगामा बरपा है.

पंजाब के एक गांवों में यूपी, बिहार के लोगों और प्रवासियों के लिए अब नो एंट्री है. करौली गांव ने प्रवासियों की एंट्री बैन की तो दूसरी तरफ, खरार के जंदपुर गांव में प्रवासियों के लिए रात 9 बजे के बाद घर से निकलना ही अपराध हो गया है. इस गांव में कुल 2000 लोग रहते हैं, जिनमें से 500 प्रवासी हैं. बड़ी आबादी होने के बाद भी उन पर ऐसी-ऐसी पाबंदियां लगाई गई हैं, जिन्हें पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे. गांव वासियों ने कहा है कि प्रवासियों को ये नियम हर हाल में मानना ही होगा. अगर वे इसे नहीं मानते हैं तो घर छोड़कर चले जाएं.

गांव में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें प्रवासियों के लिए गांव में रहने की शर्तें लिखी गई हैं. गांव वालों ने कुल 11 निर्देश जारी किए हैं, जिनमें कहा गया है कि किसी भी स्थिति में इनका पालन अनिवार्य है. इस तुगलकी फरमान के बाद ज्यादातर प्रवासी गांव छोड़कर जाना चाहते हैं, कुछ लोग छोड़कर चले भी गए हैं. 

‘रात 9 बजे के बाद दिख मत जाना…’

अब मजदूर 9 बजे के बाद रात में नहीं निकल सकते हैं. गांव में प्रावासियों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है. प्रवासियों के लिए सिगरेट, तंबाकू और पान भी प्रतिबंधित है, उन्हें सड़क पर थूकने पर पाबंदी है. मकान मालिकों को घर के बाहर डस्टबिन रखना होगा. 

‘एक घर में दो लोग, तीसरे की एंट्री नहीं…’

आदेश में कहा गया है कि किसी भी कमरे में सिर्फ दो प्रवासी लोग ही रह सकते हैं, तीसरे की एंट्री नहीं है. प्रवासी अगर आधे कपड़ों में सड़क पर नजर आते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन होगा. अगर वे अवैध हरकतों में शामिल होंगे, गांव को नुकसान पहुंचाएंगे तो मकानमालिक नपेंगे.

क्यों गांव में बना ऐसा रूल?

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोग प्रवासियों के व्यवहार से नाराज हैं. उनका कहना है कि प्रवासी गांव में अर्धनग्न होकर घूमते हैं, महिलाओं को शर्मिंदा करते हैं, यूपी बिहार से आने वाले लोग सड़क पर गुटका खाकर थूक देते हैं. वे गुरुद्वारे के बाहर भी ऐसा करते हैं, यह सिख धर्म का अपमान है.

‘पार्षद भी प्रवासियों के साथ’

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय पार्षदों का सहयोग प्रवासियों के साथ है, इस वजह से वे ऐसा करते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक वे किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन गांव की शुचिता और अनुशासन को बरकरार रखना चाहते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां रहने वाले ज्यादातर लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हुआ है. अब उन मकानमालिकों पर एक्शन होगा, जिन्होंने बिना सत्यापित कराए, प्रवासी मजदूरों को शरण दी है. 

‘शराब पीकर हंगामा न करें लोग’

आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि प्रवासी रात 9 बजे के बाद सड़कों पर नजर न आएं. गांव वालों के लिए भी आदेश है कि वे पीकर सड़क पर हंगामा न करें. खरार पुलिस ने भी इस मामले में दखल दी है. पुलिस ने इन नियमों को लेकर ग्रामीण अधिकारियों से सवाल भी किया है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पुलिस के साथ बैठक की और कहा कि यह नियम, अब सब पर लागू होगा.

पहली बार नहीं हुआ है पंजाब में ऐसा 

हाल ही में पंजाब के गांव करौली में प्रवासियों की एंट्री ही बैन कर दी गई थी. वजह ये थी कि गांव में चोरी की घटनाएं बढ़ गई थीं. दावा किया गया कि प्रवासियों के बच्चे ही चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. गांव में लोगों को किराए पर घर देने पर रोक भी लग गई थी.

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