लखनऊ महिला से छेड़खानी मामले में योगी सरकार ने लिया एक्शन, पूरी पुलिस चौकी सस्पेंड, DCP की भी आई शामत 

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Crime News: यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए जलभराव के बीच एक महिला से छेड़खानी करने और आते-जाते लोगों को परेशान करने के मामले में पुलिस पर ही गाज गिरी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीसीपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया है. इतना ही नहीं, घटनास्थल पर जिस पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी पहुंचे थे उस चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. सीएम योगी ने खुद ही इस मामले में एक्शन लिया है.

कुछ दिनों पहले हुई बारिश के बाद लखनऊ से एक शर्मनाक मामला सामने आया था. गोमती नगर में सड़क पर भरे पानी में खड़ी भीड़ ने वहां से गुजरते लोगों को खूब परेशान किया. इतना ही नहीं, एक महिला के साथ छेड़खानी भी की गई. उस वक्त वहां पहुंची पुलिस ने लोगों को वहां से भगा दिया था. किसी को गिरफ्तार न करने या कार्रवाई न करने की वजह से अब पुलिसकर्मियों पर ही गाज गिरी. जिस चौकी के पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे थे वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इतना ही नहीं, डीसीपी, एडीसीपी और एसपी का भी ट्रांसफर कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल विधानसभा में भी सख्त तेवर दिखाते हुए कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को बख्सा नहीं कहा जाएगा. उन्होंने दो आरोपियों के नाम लेते हुए कहा था कि इनके लिए सद्भावना ट्रेन और बुलेट ट्रेन चलाने का इंतजाम किया जाएगा. उनकी इस टिप्पणी को लेकर खूब हंगामा भी हुआ. दरअसल, इस मामले को पुलिस ने हल्के में लिया था और आरोपियों के खिलाफ रास्ता बाधित करने और इन्फेक्शन फैलाने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया था जबकि वीडियो देखने से स्पष्ट था कि बाइक पर पीछे बैठी महिला के साथ छेड़खानी की गई थी.

लखनऊ में क्या हुआ था?

दो दिन पहले लखनऊ में हुई बारिश के बाद कई जगहों पर जलभराव हो गया था. गोमती नगर में भरे पानी में खड़े हुड़दंगी वहां से गुजरने वाली गाड़ियों पर पानी की बौछार कर रहे थे. इन लोगों ने कई लोगों से बदसलूकी की. इतना ही नहीं, बाइक पर बैठकर जा रही एक महिला के साथ छेड़खानी की गई और वह पानी में गिर गईं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद सीएम योगी ने सख्ती दिखाई.

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 272 (इन्फ्केशन फैलाना) और धारा 285 (रास्ता बाधित करना) के तहत केस दर्ज किया था. आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर यौन उत्पीड़न की धाराओं के तहत केस दर्ज नहीं किया. गुरुवार को सीएम योगी के सख्त रुख के बाद एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 191 (2), 3 (5), 272, 285 और 72 को भी जोड़ा गया.

नप गए पुलिसकर्मी

इस बारे में खुद सीएम योगी ने कहा, ‘महिला सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को अंजाम भुगतना होगा. हमने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. हमने डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी को उनके पदों से हटा दिया है. साथ ही, इंस्पेक्टर और पुलिस चौकी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी कर दिया है.’ डीसीपी प्रबल प्रताप सिंह, एडीसीपी ईस्ट अमित कुमावत और एसीपी गोमती नगर अंशू जैन को उनके पदों से हटा दिया गया है. वहीं, पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

बताते चलें कि इस मामले में पुलिस ने कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बुधवार रात को पवन कुमार और सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, मोहम्मद अरबाज और विराज साहू को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया. अन्य आरोपियों को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.

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