- शिकायत किए मीडिया को 5 माह, और फायर ब्रिगेड कार्यालय से 2 माह हो गया है, पर मुम्बई आरटीओ पुलिस अधीक्षक कुर्सी से उठने को तैयार नहीं..
मुम्बई/वशिष्ठ वाणी। मुम्बई आरटीओ के अधीक्षक द्वारा प्रतिदिन चलान काटने के लिए सिग्नल पर पुलिस तैनात कर दिया है, पर क्या मजाल की अगर किसी ने शिकायत की और यही मुम्बई आरटीओ पुलिस के अधीक्षक टस से मस हो जाए। आपको बता दें की हमारे मीडिया द्वारा करीब 5 माह से शिकायत किए जा रहे हैं की मालवाणी गेट नंबर आठ पर एक सोसाइटी द्वारा खुली जगह पर अवैध पार्किंग वसूली की जा रही है, और हमारे मीडिया द्वारा मुम्बई आरटीओ पुलिस को यह भी बताया कि वह खुली जगह म्हाडा ने इसलिए दे रखी है की बिल्डिंग में कोई दुर्घटना होती है तो उसे रोकने के फायर ब्रिगेड की वाहन अंदर जा सके, पर उस जगह पर फेडरेशन का बोर्ड लगा कर पार्किंग की जगह दी जा रही है और सोसाइटी द्वारा पर्ची भेज कर राशि वसूला जाता है, ऐसा नहीं की यह गलत कार्य करने के लिए हमने फेडरेशन और सोसाइटी के अध्यक्ष को रोका पर वह जिद्द में लोगों के जान को ताक पर रखकर पार्किंग वसूली खुलेआम कर रहा है, और सबसे यह बोलता है की यह पार्किंग की राशि बिल्डिंग के विकास में उपयोग किया जाएगा, अब यह समझना थोड़ा मुश्किल है की लोगो के जान से खिलवाड़ करके बिल्डिंग का कौन सा विकास यह सोसाइटी और फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा की जाएगी?
यही मालवानी स्वप्नपूर्ति सोसायटी के अध्यक्ष और सचिव विकास के नाम पर सभी रूम मालिकों से मेंटेनेंस में प्रति माह 400 रू ज्यादा ही ले रहे हैं और डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सहकारी गृहनिर्मान संस्था फेडरेशन बना कर 5 सोसाइटी से प्रति माह 7000 रू लिया जा रहा है, अब इतने राशि में बिल्डिंग का विकास तो नहीं हो रहा है, अब सोसायटी और फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा लोगो के जान से खिलवाड़ करके बिल्डिंग का विकास करेंगे? यह अच्छा है, अब जब तक अधिकारियों की आंखे बंद है तब तक सोसायटी और फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा ऐसे ही मनमानी होती रहेगी, पर कहते है ना सबका समय आता है और यह सोसायटी के अध्यक्ष और सचिव व फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा जो मनमानी हो रहा है जिस दिन कोइ अधिकारी ने इस विषय को गंभीरता से ले ली उस दिन इनकी भी मनमानी बंद होना तय है।
- यह वह कॉपी जो फायर ब्रिगेड द्वारा मुम्बई आरटीओ पुलिस को भेजी गई है, इसमें आप सभी लोग तारीख देख सकते हैं, इसमें आप साफ देख सकते है की फायर ब्रिगेड के द्वारा शिकायत किए २ माह से ज्यादा हो गया है।
हमारे मीडिया ने सोसायटी और फेडरेशन के पदाधिकारियों का यह सब मनमानी को देखकर हमने फायर ब्रिगेड के कार्यालय में भी शिकायत की और फायर ब्रिगेड ने जब जांच किया तो उनके द्वारा यह पुष्टि की अगर बिल्डिंग में कोई दुर्घटना होती हैं तो उनकी वाहन अंदर नहीं जा सकती है, और फायर ब्रिगेड ने २ माह पहले ही मुम्बई आरटीओ को भी शिकायत की एक कॉपी भी भेजे दी, पर अभी तक कुछ नहीं हुआ, क्योंकि मुम्बई आरटीओ पुलिस तो लोगो का चलान काटने में व्यस्त है, अब लगाता है जब तक उनका टारगेट पूरा नहीं होगा तब वह इस विषय को लेकर अपने कुर्सी से उठने नहीं वाले।
अब सवाल यही है क्या कोई दुर्घटना के बाद ही यह अधिकारियों की आंख खुलती है? आखिर शिकायत करते ही इन अधिकारियों की जमीर क्यों नही जगाती, क्या तुरंत कार्रवाई करने से इन्हे कोई दिक्कत होती हैं, आखिर सभी अधिकारी शिकायत करते ही अपने कुर्सी से क्यों नही उठते हैं? क्या दुर्घटना से पहले अगर यह सब मनमानी को रोक दिया जाए तो उसमे क्या दिक्कत है?
सवाल तो यह भी उठेगा की ऐसे ही न जाने मुम्बई आरटीओ के व्हाट्सएप नंबर पर प्रतिदिन कितने शिकायत किए जाते होंगे, अब सारे विषय को मुंबई आरटीओ पुलिस कितने गंभीरता से लेती होगी, यह भी जांच के बाद ही शायद पता चल सके, पर हम यकीन से कह सकते है की जब मीडिया के शिकायत को यह अहमियत नहीं दे रहा है तो वह आम जनता के शिकायत को तो शायद वह कचरे के डिब्बे में डाल देते होंगे?