देवेंद्र फड़नवीस से पहले अजीत पवार और एकनाथ शिंदे भी पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि, तीनों ने अलग-अलग मुलाकात की है। इसे विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में उथल-पुथल शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के मुख्यममंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार (27 जुलाई) दोपहर पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात की। पीएम मोदी और अमित शाह ने शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक की। इसके बाद सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस बीच दोपहर में लंच के दौरान एकनाथ शिंदे एनडीए गठबंधन के शीर्ष नेताओं से मिले।
एकनाथ शिंदे पहले शुक्रवार रात अजीत पवार ने भी अमित शाह से मुलाकात की थी। वहीं, देवेन्द्र फड़नवीस भी दिल्ली में ही हैं और वह भी अमित शाह और पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। महाराष्ट्र के बड़े नेताओं की इन मुलाकातों के आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जमकर दल-बदल हुई है। राज्य की दो बेहद अहम पार्टियां (शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) टूट चुकी हैं। दोनों पार्टियों में पाला बदलने वाले नेताओं की संख्या इतनी ज्यादा थी कि पार्टी का असली नाम और चुनाव चिन्ह पाला बदलने वाले विधायकों के दल को मिल गया। इसी वजह से उद्धव ठाकरे को अपने गुट का नाम शिवसेवा उद्धव बालासाहेब ठाकरे रखना पड़ा। वहीं, शरद पवार की पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार हो गया। इस दल-बदल से जनता नाराज है और इसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला।
क्यों नाराज है जनता
महाराष्ट्र में पिछला चुनाव शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर लड़ा था और बहुमत भी हासिल किया था। हालांकि, मुख्यमंत्री के चेहरे पर बात बिगड़ गई और गठबंधन टूट गया। देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री की शपथ ली, लेकिन बहुमत नहीं साबित कर सके। ऐसे में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। हालांकि, यह सरकार भी ज्यादा दिन नहीं चली। शिवसेना के अधिकतर विधायक एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर उद्धव के खिलाफ हो गए। वहीं, एनसीपी के विधायक अजीत पवार के साथ मिलकर बीजेपी के साथ आ गए। ऐसे में बीजेपी+शिवसेना+एनसीपी की गठबंधन सरकार बनी। इतनी दल बदल के चलते जनता में आक्रोश है और अब सभी दलों को संभलकर गठबंधन करना होगा और विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी होगी।
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