मुम्बई/वशिष्ठ वाणी। दिनांक 27 दिसम्बर 2024 को अवैध निर्माण के विषय को लेकर समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया है, आपको बता दें कि यह काफी गंभीर विषय है, और इस को अगर बीएमसी के अधिकारियों द्वारा अगर अनदेखा किया जा रहा है, आप सभी लोग यह समझ ले कि बीएमसी के अधिकारियों को किसी की जान का परवाह नहीं है, अगर परवाह होता तो फिर कोई भी मुंबई में कही भी अवैध निर्माण नहीं हो पाता।
समाचार पत्र में यह भी बताया गया था कि अवैध निर्माण के कारण मालवणी में काफी लोगों की जान भी जा चुकी है, पर उसके बाद भी अवैध निर्माण नहीं रुके, अब सवाल तो यह भी है कि जब तक इस विषय को समाचार पत्र में प्रकाशित किया जाता है तो अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की तो जाती है, पर कार्रवाई भी अधिकारियों के मनमुताबिक होते है, कार्रवाई करने से पहले वह देखते है कि वह किस पर कार्रवाई करेंगे और किस पर नहीं.. अब यह सब देखकर लगता की क्या समय आ गया है कि चंद पैसों के लिए इंसान ही इंसान के जान से खिलवाड़ कर रहे है। हालांकि सरकार द्वारा अधिकारियों को प्रति माह वेतन भी दिया जाता है पर शायद वेतन उनके इच्छा को पूरा नहीं कर पाता है, इसलिए अवैध निर्माण के कार्य को अनदेखा करते है, क्योंकि अनदेखा के कारण इन अधिकारियों की इच्छा पूरी हो जाती है, पर इन अधिकारियों को यह भी एहसास है कि उनके अनदेखा के कारण बहुत लोगों के जान को वह खतरें में डाल रहे है। पर कहते है न इंसान के इच्छा के पीछे यह सब मायने नहीं रखता है।
अब जिस दिन निष्ठा और ईमानदारी वाले अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करते है तब तक काफी देरी हो जाती है। हम अपने मीडिया के माध्यम के जरिए यही आवाज उठाते है कि जहां पर लोगो के जान से खिलवाड़ हो रहा है उस विषय को अनदेखा ना करें, क्योंकि सामने जान गंवाने वाले हमारे तरह इंसान ही है, कोई कीड़े मौक़ेडे नहीं है, इसलिए अपने कर्तव्यों से मुंह न फेरे, और इस अवैध निर्माण के कार्य को जल्द से जल्द बंद करने में अपनी अहम भूमिका निभाए।