Azamgarh news: आजमगढ़: चाचा ही निकला भजीते का हत्यारा, पुलिस ने किया खुलासामहराजगंज क्षेत्र के नरोत्तमपुर ग्राम निवासी शीतला प्रसाद मिश्र के तीन पुत्रों में सबसे बड़े सतीश चंद्र मिश्रा, ईश्वर चंद्र और रामचंद्र मिश्र जिसमें मंझले पुत्र ईश्वर चंद्र की मौत हो चुकी है। सतीश और रामचंद्र दोनों भाई अलग रहते हैं। पिता शीतला प्रसाद अपने बड़े पुत्र सतीश चन्द्र के साथ रहते हैं।
महराजगंज पुलिस ने तीन दिन पूर्व लापता हुए २० वर्षीय युवक का रक्त रंजित शव को उसके ही मकान के अहाते से हुई बरामदगी के बाद इस वारदात को अंजाम देने वाले मृतक के चाचा को गुरुवार की रात गिरफ्तार कर घटना के रहस्य से पर्दा उठा दिया। हत्यारोपी चाचा ने संपत्ति विवाद को लेकर अपने खानदान के इकलौते पुत्र की ईंट से सिर कूंच कर उसे मौत की नींद सुला देने का जुर्म कबूल कर लिया है।
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त खून से सनी ईंट बरामद कर लिया है।
महराजगंज क्षेत्र के नरोत्तमपुर ग्राम निवासी शीतला प्रसाद मिश्र के तीन पुत्रों में सबसे बड़े सतीश चंद्र मिश्रा, ईश्वर चंद्र और रामचंद्र मिश्र जिसमें मंझले पुत्र ईश्वर चंद्र की मौत हो चुकी है। सतीश और रामचंद्र दोनों भाई अलग रहते हैं। पिता शीतला प्रसाद अपने बड़े पुत्र सतीश चन्द्र के साथ रहते हैं। शीतला के तीनों बेटों में केवल सतीश चन्द्र का इकलौता पुत्र २० वर्षीय प्रभात था बाकी सभी भाइयों की बेटियां हैं। बताते हैं कि शीतला प्रसाद ने कुछ समय पहले अपनी ढाई बिस्वा भूमि सतीश की पत्नी के नाम रजिस्ट्री कर दी थी। साथ ही किसी संपत्ति विवाद में सुलह के बाद शीतला प्रसाद को दस लाख रुपये मिले थे। उस रकम को उन्होंने अपने बड़े पुत्र सतीश को दे दिया था। इस बात से सतीश के छोटे भाई रामचंद्र को यह भय सताने लगा कि कहीं पिता अपनी पूरी संपत्ति बड़े भाई के नाम न कर दें।
बड़े भाई सतीश को मिले आर्थिक लाभ और भाभी के नाम भूमि के बैनामे को लेकर रामचंद्र उनसे द्वेष रखने लगा। सतीश ने गांव में दो मकान बना रखा है जिसमें नए मकान में परिवार रहता है और सतीश पशुओं की देखभाल के लिए पुराने मकान में रहते हैं। बीते पांच अगस्त की शाम सतीश का पुत्र प्रभात पुराने घर से नए मकान के लिए निकला लेकिन वहां नहीं पहुंचा। काफी खोजबीन के बाद भी जब प्रभात का पता नहीं चला तो पिता सतीश ने मुकामी थाने में पुत्र की गुमशुदगी दर्ज कराई। दूसरे दिन प्रभात का रक्त रंजित शव उसके मकान के अहाते से बरामद किया गया।
जांच के दौरान पुलिस को हुआ था संदेह
– इस घटना के बाद स्थानीय लोग शव को सड़क पर रखकर जाम लगाते हुए अपना आक्रोश जताए। पिता सतीश ने इकलौते पुत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए पड़ोस में रहने वाले दो सगे भाई कृष्णमणि मिश्र व कृष्ण चंद्र मिश्र के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराया। घटना की छानबीन में जुटी पुलिस को मिले तथ्यों के आधार पर मृतक के चाचा रामचंद्र मिश्र पर संदेह हुआ और पुलिस ने गुरुवार की रात उसे हिरासत में ले लिया।
कटहल तोड़ते वक्त प्रभात को उतारा मौत के घाट
– रामचंद्र ने भतीजे की हत्या का जुर्म कबूल करते हुए बताया कि घटना वाले दिन वह बड़े भाई सतीश के अहाते से टार्च की रोशनी में चोरी छिपे कटहल तोड़ रहा था तभी वहां प्रभात आ गया और दोनों में हाथापाई होने लगी। रामचंद्र ने पहले से आंख में खटक रहे इकलौते भतीजे के सिर पर ईंट से कई प्रहार कर उसका काम तमाम कर दिया। हत्यारोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हिरासत में रहे आरोपित किए गए दोनों भाइयों की नामजदगी हटाते हुए उन्हें रिहा कर दिया। गिरफ्तार चाचा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
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