छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट की प्रतिमा पिछले साल ही स्थापित की गई थी. नौसेना दिवस पर मालवण स्थित राजकोट किले में स्थापित की गई थी. इस मामले पर बोलते हुए अजित पवार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि इससे उन पर व्यक्तिगत रूप से असर पड़ा है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अअजित पवार ने राज्य के 13 करोड़ जनता से माफी मांगी है. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी, इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने माफी मांगी है. पवार ने कहा कि शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं और उनकी प्रतिमा गिराना सदमे जैसा है.
छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट की प्रतिमा पिछले साल ही स्थापित की गई थी. नौसेना दिवस पर मालवण स्थित राजकोट किले में स्थापित की गई थी. इस मामले पर बोलते हुए अजित पवार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि इससे उन पर व्यक्तिगत रूप से असर पड़ा है, क्योंकि महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के सभी प्रशंसक इससे प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं और उनकी प्रतिमा का गिरना मेरे और राज्य के सभी शिव प्रेमियों के लिए बहुत दुख की बात है. सरकार का हिस्सा होने के नाते मैं आज सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं. अजीत पवार ने प्रतिमा लगाने से पहले भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु के बारे में कोई वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार मूर्ति के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच कर रही है और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पुनः स्थापित किया जाएगा प्रतिमा-अजित पवार
पवार ने आश्वासन दिया कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा को जल्द से जल्द राजकोट किले में पुनः स्थापित किया जाएगा, लेकिन इस मामले में लापरवाही बरतने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की यह टिप्पणी इस घटना को लेकर बढ़ते जन आक्रोश के बीच आई है, जिसमें कई लोग मूर्ति की स्थापना के कार्य में जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था अनावरण
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक किले में पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिरने की घटना को जिम्मेदार ठहराया. यह प्रतिमा सिंधुदुर्ग स्थित राजकोट किले में स्थापित की गई है, जहां पिछले दो-तीन दिनों से भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं.
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