Moustache Man Ramesh Kushwaha: आगरा के 85 वर्षीय रमेश कुशवाहा की 35 फीट लंबी मूंछें उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्ध बना चुकी हैं. उनकी यह अद्भुत मूंछें न सिर्फ उनकी पहचान हैं बल्कि एक अनोखी कहानी भी बयां करती हैं. रमेश कुशवाहा की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है. यह हमें सिखाती है कि हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हैं. हमें बस अपनी मेहनत और लगन पर विश्वास रखना चाहिए.
Moustache Man Ramesh Kushwaha: “मूछे हो तो नाथूलाल जैसी” – यह फिल्म शराबी का एक प्रसिद्ध डायलॉग है, लेकिन आगरा के 85 वर्षीय रमेश कुशवाहा के बारे में सुनकर आप इस डायलॉग को नए सिरे से परिभाषित कर देंगे. रमेश कुशवाहा की मूंछें 35 फीट लंबी हैं! जी हां, आपने सही पढ़ा, 35 फीट! उनकी यह अद्भुत मूंछें देखकर हर कोई हैरान रह जाता है और सोच में पड़ जाता है कि आखिर कैसे किसी व्यक्ति की मूंछें इतनी लंबी हो सकती हैं.
30 साल से नहीं कटवाई मूंछें
रमेश कुशवाहा ने बताया कि जब वह 50 साल के थे, तब उन्होंने मूंछें बढ़ाना शुरू किया था. उस समय फिल्मों में अभिनेता क्लीन शेव लुक में नजर आते थे और युवाओं में भी यह ट्रेंड था. लेकिन रमेश कुशवाहा ने फैसला किया कि वह इस ट्रेंड का पालन नहीं करेंगे और अपनी मूंछें बढ़ाएंगे. तब से उन्होंने कभी भी अपनी मूंछें नहीं कटवाई हैं. आज उनकी मूंछें उनकी पहचान बन गई हैं और लोग उन्हें “मूंछों वाले बाबा” के नाम से जानते हैं.
परिवार से दूरी
अपनी इस अनूठी पहचान के लिए रमेश कुशवाहा को अपनी निजी जिंदगी से कई समझौते करने पड़े हैं. उन्होंने बताया कि उनकी मूंछों के कारण उन्हें अपने परिवार से दूर रहना पड़ा है. उनके दो बेटे और नाती हैं, लेकिन वे अपनी मूंछों की देखभाल के लिए अलग कमरे में रहते हैं. खासकर जब उनके नाती घर पर होते हैं, तब वह अपनी मूंछें ढककर रखते हैं.
मूंछों की देखभाल
रमेश कुशवाहा अपनी मूंछों की देखभाल के लिए बहुत मेहनत करते हैं. जब उनके नाती स्कूल जाते हैं, तब वह अपनी मूंछें धोते हैं, शैंपू लगाते हैं और सूखने के बाद सरसों का तेल लगाते हैं. उनकी मूंछें इतनी लंबी हैं कि उन्हें कंघी करने के लिए दो लोगों की मदद लेनी पड़ती है. कई बार वे अपनी मूंछों को गले में माला की तरह डाल लेते हैं.
लोगों की प्रतिक्रिया
शुरुआत में लोगों ने उनकी मूंछों को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी थीं. कुछ लोग हंसते थे तो कुछ लोग तारीफ करते थे. लेकिन रमेश कुशवाहा ने कभी भी इन बातों की परवाह नहीं की. उन्होंने अपनी मूंछों को अपनी पहचान बना लिया और आज वे इस पर गर्व करते हैं.
एक अनूठी कहानी
रमेश कुशवाहा की कहानी हमें सिखाती है कि हर व्यक्ति अलग होता है और अपनी पसंद और नापसंद रखता है. हमें दूसरों के अलग होने को स्वीकार करना चाहिए और उनकी विशिष्टता का सम्मान करना चाहिए. रमेश कुशवाहा ने अपनी मूंछों के माध्यम से एक अनूठी पहचान बनाई है और यह दिखाया है कि हम अपनी पसंद के अनुसार जी सकते हैं.
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