Medical Benefits: भारतीय कंपनियां अब न सिर्फ अपने कर्मचारियों बल्कि उनके माता-पिता और सास-ससुर के स्वास्थ्य को लेकर भी गंभीरता से प्रयास कर रही हैं. इन प्रयासों से प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है.
मेडिकल इंश्योरेंस की जरूरत समय के साथ बढ़ती ही जा रही है. यूनाइटेड नेशंस (United Nations) के अनुसार, 2050 तक भारत की वृद्ध आबादी दोगुनी होकर 20.8 फीसदी तक पहुंच जाएगी. ऐसे में मेडिकल इंश्योरेंस की आवश्यकता और ज्यादा बढ़ने वाली है. इस जरूरत को समझते हुए भारतीय कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों और उनके मां-बाप और सास-ससुर की देखभाल के लिए इंश्योरेंस के साथ ही कई तरह की मेडिकल सुविधाएं अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है.
केयर लीव, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और मेंटल हेल्थ काउंसिलिंग मिल रही
इंडिया इंक ने स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया है ताकि उनके कर्मचारी फैमिली की तरफ से निश्चिंत रह सकें. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एचएसबीसी (HSBC), डॉयच बैंक (Deutsche Bank), एक्सेंचर (Accenture), सैप (SAP) और ग्लोबल लॉजिक (GlobalLogic) जैसी कंपनियों ने गंभीरता से इस दिशा में कदम उठाए हैं. ये कंपनियां अपने कर्मचारियों को केयर लीव, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और मेंटल हेल्थ काउंसिलिंग जैसी कई सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. इनके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं.
बीमारियों के प्रति जागरूकता और रिटायरमेंट प्लानिंग की दे रहे जानकारी
डॉयच बैंक ने सीनियर सिटीजन की मेंटल हेल्थ काउंसिलिंग के साथ ही अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के प्रति जागरूकता को लेकर वेबिनार शुरू कराए हैं. उन्हें रिटायरमेंट प्लानिंग और वसीयत की महत्ता के बारे में भी बताया जाता है. साथ ही उनके लिए फोन पर कंसल्टेशन भी उपलब्ध रहता है. सैप ने अपने कर्मचारियों को साल में 5 दिन की छुट्टी वृद्ध परिजनों की देखभाल के लिए देना शुरू किया है. इसी तरह की 3 छुट्टियां एचएसबीसी भी दे रहा है. साथ ही कंपनी ने वेलनेस एप भी शुरू किया है.
वृद्ध परिजनों की देखभाल से निश्चिंत कर्मचारी बढ़ा रहे प्रोडक्टिविटी
पिछले साल एक्सेंचर ने कर्मचारियों के लिए रिसोर्स ग्रुप की शुरुआत की थी. कंपनी वृद्ध परिजनों की देखभाल के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चला रही है. इसके अलावा ग्लोबल लॉजिक ने भी अपने यहां योद्धा एप शुरू किया है. इस तरह के कार्यक्रम कर्मचारियों के बीच तेजी से लोकप्रिय होते जा रहे हैं. वह आराम से नौकरी करते हुए अपने मां-बाप और सास-ससुर की देखभाल के प्रति निश्चिंत रह सकते हैं. इससे कंपनियों में प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है.
+ There are no comments
Add yours